Tuesday, 27 December 2011

नये वर्ष पर कुछ नया गीत हो....!!!


                       नये वर्ष पर कुछ नया गीत हों ..                        

नये वर्ष पर कुछ नया गीत हों 
नये गीत में कुछ नये बोल हो
नयी थाप गूंजे,जो अनमोल हो
मिलन बासुंरी में नयी धुन छिड़े,
नहीं अब विरह की कोई रीत हो
नये वर्ष पर कुछ......

नये छंद हों,कुछ नये रस बहे,
नये अर्थ कुछ,सर्ग-प्रत्यय नये 
नये रूपलंकार पर शोध हो
नये हर क़दम पर नयी जीत हो.
नये वर्ष पर कुछ .....

विगत वर्ष कुछ लिख गया,रह गया,
कोई बिन कहे कुछ,बहोत कह गया 
कोई पर्ण फिर टूट कर जुड़ गया
कोई बीच 'सागर' पृथक पड़ गया 
गयी बात छोड़ो,बढ़ो हाथ दो
चलो झूमकर नाच लें मीत हो
नये वर्ष पर कुछ......
आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकानायें...